जैकेरी एसपी, ब्राज़ील में मार्कोस तादेउ टेक्सेरा को संदेश
बुधवार, 19 मई 2010
देवदूत ब्रामाइल का संदेश

मार्कोस, मैं देवदूत ब्रामाइल हूँ। तुम सबको दिव्य प्रेम के लिए अपने हृदय खोलने होंगे और खुद को पूरी तरह से इसमें लीन होने देना होगा। जब कोई आत्मा खुलती है और इस प्रेम को स्वीकार करती है, तो वह इसे प्रसन्न करने, इसकी महिमा करने और इसे हमेशा अधिक संतुष्ट करने की इच्छा में पूरी तरह से अवशोषित हो जाती है। इसलिए, उसे कुछ भी कड़वा या कठिन नहीं लगता है और उसकी खुशी लगातार प्रभु को खुद समर्पित करना है। सच्चा दान उस आत्मा का मुहर है जो प्रेम करती है और इसमें प्रभु अपनी असीम दिव्य कृपा डालकर आनंद लेते हैं। केवल हम, पवित्र देवदूतों के प्रति सच्ची भक्ति से ही आत्मा इस दिव्य प्रेम के लिए खुल सकती है और पूरी तरह से इससे भर सकती है। जितनी अधिक आत्मा हमारे लिए खुलेगी उतनी ही अधिक वह दिव्य प्रेम प्राप्त करेगी जो हमें भरती और मोहित करती है। इसलिए हमसे प्रार्थना करो ताकि हम तुम्हें इस प्रेम से और अधिक भर सकें। शांति, मार्कोस। सभी को शांति।
(द्रष्टा मार्कोस थडियस): फिर उसने मुझसे निजी तौर पर बात की, मुझे व्यक्तिगत निर्देश दिए, मुझे आशीर्वाद दिया और गायब हो गया। देवदूत ब्रामाइल के काले बाल थे, हरी आँखें थीं और उन्होंने बेज रंग का ट्यूनिक पहना हुआ था।
उत्पत्तियाँ:
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